गोगुंदा (Udaipur)/जिलेभर में शनिवार को जलझूलनी एकादशी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान जिले के गोगुंदा सायरा एवं ओगणा क्षेत्र के कई मंदिरों से ठाकुरजी की पालकी यात्रा निकाली गई जिसमें में सैंकड़ों भक्त शामिल रहे ।
पलासमा में जलझूलनी एकादशी पर लगता है मेला
सायरा क्षेत्र पलासमा गांव में स्थित पद्मनाभ मंदिर में जलझूलनी एकादशी पर हर साल मेला लगता हैं। मेले में दूर दराज से सैकड़ों भक्त भगवान के दर्शन के लिए आतें हैं। शनिवार को मेले के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा । भगवान के दर्शन के लिए आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी । फूल मालाओं से सजी पालकियों एवं शंख जालरो की मधुर ध्वनि से पद्मनाथ मन्दिर के वातावरण से श्रद्धालु भाव विभोर नजर आए। हाथी घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की जयकारों के साथ भगवान पद्मनाभ जी की पालकी यात्रा निकाली गई। बताया जाता है कि इस बीच गोमती नदी ठाकुरजी से मिलने आती है जिसकी वजह से मंदिर की दीवारें झरने लगती है ।
क्षेत्र के तरपाल गांव में भी निकली ठाकुरजी की पालकी यात्रा
तरपाल गांव में जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी की पालकी यात्रा निकाली गई। ठाकुरजी के श्रृंगारित पालकी पर खुशनुमा फूलों को सजाया गया। तरपाल मुख्य चौराहा से चारभुजा मन्दिर होती हुई पालकी को सरोवर पर ले जाया गया। चारभुजा मन्दिर के समीप तालाब में जलविहार करवाकर सामूहिक आरती की गई। वहीं भक्तों ने ठाकुरजी का स्वागत कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
पालकी यात्रा में ग्रामवासी रहें उपस्थित
ठाकुरजी की यात्रा में भंवरलाल सुथार , भंवर सिह , खुमान सिंह राजपूत , विक्रम सिंह , सुरेश जोशी , राधेश्याम गर्ग , नानालाल सुथार , गणेश, मुकेश, जगदीश श्रीमाली सहित ग्रामवासी मौजूद रहे।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।