उदयपुर (Udaipur)- राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपुर के संगीत विभाग में “रागदारी संगीत रागांग अभ्यास एवं चिंतन” विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला चल रही है।
आयोजन सचिव प्रो. लाजवंती बनावत ने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को विषय विशेषज्ञ प्रो.चेतना पाठक ने राग जोग में “अजहुन आए सजनी” राग पूरिया धनाश्री मंे “तोरी जय जय करतार” राग श्याम कल्याण मे ं“गज वदना है गणराया” आदि का प्रशिक्षण दिया। साथ ही रागों में स्वर लगाव, अलाप और ताने बनाना सिखाया। रागपूरिया, पूरिया कल्याण, सोहनी और मारवा आदि रागों का तुलनात्मक रूप से स्वर लगाव को बदलने पर किस तरह से राग बदल जाती हैं, समझाया। राग श्याम कल्याण, शुद्ध कल्याण शुद्ध सारंग आदि रागों के शास्र पक्ष को स्पष्ट करने के साथ बंदिशें भी सिखायी। “राग मधुवंती में तराना ओदारे दारें तन दीम दीम” का प्रशिक्षण दिया। साथ ही ताल पक्ष को भी स्पष्ट किया। प्राचार्य प्रो. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि कार्यशाला में 40 प्रतिभागियों ने बड़े उत्साह और लगन के साथ भाग लिया। कार्यशाला का संचालन डॉ. कौशल सोनी ने किया। कार्यशाला में प्रो. अशोक सोनी, प्रो. सरोज गुप्ता, डॉ. रितु परमार डॉ. नगेन्द्र श्रीमाली, डॉ. नरेन्द्र शेखावत आदि उपस्थित रहे।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।