सायरा (Udaipur) – क्षेत्र के दियान गांव में सवा महीने से चल रहे मेवाड़ का प्रसिद्ध लोक नृत्य गवरी का रविवार को समापन हुआ। इस दौरान आस पास के गांवों के सैकड़ों लोगों ने शौभायात्रा में भाग लिया था । बता दें कि गवरी को एक विशेष प्रकार का लोक नृत्य कहा जाता हैं। ऐ नृत्य कई वर्षों से मेवाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में खेली जाती हैं। गवरी नृत्य विशेष तौर से मेवाड़ में आदिवासी समुदाय पूरी श्रद्धा भाव के साथ इस प्रथा का निर्वहन कर रहे हैं । इस परंपरा में आदिवासी समाज सवा महीने या 40 दिन तक भगवान शिव की आराधना करते हैं। इस प्रथा का सिर्फ एक ही मकसद होता पूरे गांव में खुशहाली रहे।
दियान चारभुजा सेवा समिति अध्यक्ष मोहन लाल पालीवाल ने बताया कि 28 सितंबर रात को गवरी कलाकारों द्वारा गवरी का मंचन किया गया था। सुबह 6.30 तक गवरी खेली गईं और 29 सितंबर प्रातः 9 बजे सेवा पूजा करके शोभायात्रा गवरी विसर्जन के लिए सरोवर गए तथा वही पर गवरी का विसर्जन किया गया ।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।