उदयपुर – शनिवार को उदयपुर के किसान भवन में अरावली एकता मंच, आत्मशक्ति ट्रस्ट व एनसीसीएम द्वारा आगंनबाड़ी केन्द्रों की दयनीय स्थिति व लाभार्थियों की पहुंच पर एक अध्ययन रिपोर्ट जारी कर परिचर्चा आयोजित की गई।
अध्ययन रिपोर्ट के तथ्यों का साझा करते हुए आत्मशक्ति ट्रस्ट के स्टेट एडवोकेसी ऑफिसर ताराचन्द वर्मा ने बताया कि ग्रामीण भारत में आंगनवाड़ी केंद्र जीवन रेखा है, इसकी स्थिति में अत्यधिक सुधार की आवश्यकता है। उन्होने अध्ययन के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि हमने नयागांव व बिछीवाड़ा ब्लॉक के 139 आंगनवाड़ी केन्द्रों को इस अध्ययन में शामिल किया है, जिसके अनुसार आज भी 12.62 प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाओं की कमी है, 70.87 प्रतिशत केन्द्रों में शौचालय की व्यवस्था नही है तथा जिन 25 प्रतिशत केन्द्रों पर शौचालय है, वे सभी उपयोग की स्थिति में नही है। 36.41 प्रतिशत केन्द्रों पर स्वच्छ पेयजल के साधन नहीं है, तथा 33.98 प्रतिशत केन्द्रों पर पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। 14.56 प्रतिशत केन्द्र लाभार्थियों से 2-3 किलोमीटर दूर है। 78.64 प्रतिशत केन्द्रों में रसोई घर नही है तथा 61.65 प्रतिशत गांवों में आज भी गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के समय एम्बुलेंस की सुविधा नही मिल पाती है। इसके साथ उन्होंने बताया कि गांवों में अध्ययन के दौरान देखा कि अधिकांश आंगनवाड़ी केन्द्र जर्जर अवस्था में है जो बच्चों के लिए सुरक्षित नही है।
इस परिचर्चा में सिस्टर कीर्ति, महिला श्रमिक संगठन उदयपुर के कार्यकर्ता, चिन्मय नेशनल नेटवर्क फॉर घरेलू कामगार संगठन के कार्यकर्ता, सहयोगी संस्थान के याकूब मोहम्मद, हेंड इन हेंड इंडिया संस्थान के राजीव पुरोहित, आदर्श शिक्षा समिति के नारायण सेन, जतन संस्थान की नूपूर, लोक विकास समिति के कन्हैया लाल मेनारिया, अरावली मजदूर संगठन के गोविन्द ओड, आजीविका ब्यूरो की मंजू राजपूत, चाइल्ड राइट्स नेटवर्क के बी.के. गुप्ता, एफईएस के गिरधारी लाल वर्मा, कॉमरेड एडवोकेट राजेश सिंघवी, एडवोकेट मन्ना लाल डांगी, अरावली एकता मंच के नरेश बोड़ात, सामाजिक लीडर अमित खराडी, सोहन पारगी व मोहन लाल अहारी सहित कई समाजसेवकों ने आंगनवाड़ी केंद्रों की मौजूदा हालात पर चिन्ता प्रकट करते हुए इसके सुधार के लिए आंगनवाड़ी भवन, उसमें मिलने वाली सुविधाओं, बच्चों के लिए खेलकूद सामग्री व बाल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए तथा इसके लिए जिले में संयुक्त रूप मिलकर काम करना तय किया।