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संत और सरिता को बहते रहना चाहिए – जिनेन्द्र मुनि

सायरा (Udaipur) – उमरणा में श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ के तत्वाधान में शनिवार को वर्षा वास परिवर्तन कार्यक्रम में जिनेन्द्र मुनि ने संबोधन में कहा कि संत और सरिता को बहते रहना चाहिए। जिस प्रकार निर्जर भरा हैं,नदी बहती हैं तो उसका जल सदैव निर्मल बना रहता हैं। उस जल में न काई जमती है,न कीड़े पैदा होते हैं। साधु भी इस प्रकार समय-समय पर विचरण करता रहे तो वह अपने संयम दोष से बच जाता है।सज्जनों का लाभ समाज और राष्ट्र में सभी को प्राप्त हो,इसके लिए उनका विचरण आवश्यक हैं।

मुनि ने कहा कि चातुर्मास की पूर्ण होते ही संतो को उस जगह को छोड़ना ही पड़ता है।यह महावीर की परंपरा रही हैं संतो ने धर्म की महिमा को दूर दूर पहुंचाया हैं। स्थानक भवन में चार महीने तक श्रावक श्राविकाओं ने प्रवचन श्रवण कर आत्म कल्याण की तरफ उन्मुक्त होने का मार्ग प्रशस्त किया। संत सांसारिक तापों की ज्वाला को कम करने के लिए लोगों को ज्ञान के द्वारा कल्याण करने की प्रेरणा देते हैं। संतो ने आध्यात्मिकता के अमृत से संसार को जीवन दिया हैं। जिस प्रकार सिंधु का जल बिंदु से संबंध है,वैसा ही समाज एवं साधु का सम्बन्ध हैं। जहां साधु है,वहां समाज सदैव आदर्श का अनुसरण करता हैं।संत समाज की संस्कृति को उन्नत बनाता है।समाज का कर्तव्य हैं कि वह त्यागी साधुओं का निर्माण करता रहें ,साधु कल्पवृक्ष हैं। कल्पवृक्ष का तात्पर्य है कि ऐसा वृक्ष,जिसके नीचे जाकर जो कल्पना करो वह तत्काल पूरी हो जाती है। संत समाज की भावना को समझकर ही देता हैं।

रितेश मुनि ने कहा राष्ट्र एवं समाज हित मे धर्मगुरु की आदर्श भूमिका रही हैं। आज के युवाओं को उन महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए , धर्म की व्यवस्थाएं बनायें रखने के लिए नई पीढ़ी में आध्यात्म के संस्कार पैदा करे।आदर्श समाज के निर्माण में जो भूमिका साधु की हो सकती हैं,वह अन्य की कभी नही हो सकतीं। मुनि ने कहा साधु संतों का जीवन तो हिमालय होता है जिससे करुणा प्रेम सत्य अहिंसा का निर्झर हर पल फूटता रहता हैं।

प्रभात मुनि ने कहा जब जब युवाओं में शक्ति का संचार होगा,तभी इस समाज मे क्रांति का सूत्रपात हो सकेगा।साधुत्व का बीज अंतर्मन में अंकुरित हो,इस हेतु नैतिक एवं धार्मिक शिक्षण दिया जाना आवश्यक हैं

Pavan Meghwal
Author: Pavan Meghwal

पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।

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