सायरा (Udaipur) – मंगलवार को तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण के विद्वान शिष्य 87 वर्षीय मुनि रविन्द्र कुमार का देवलोकगमन पर पालखी यात्रा निकाली गई । इस समय क्षेत्र के सैंकड़ों श्रावक श्राविकाएं अंतिम दर्शन में शामिल हुए। इस दौरान अंतिम यात्रा से पूर्व सैंकड़ों श्रावक श्राविकाओ ने दर्शन कर मेवाड़ से आए अलग-अलग सभाओं द्वारा शॉल एवं पछेवडी समर्पित की। आपको बता दे मुनि रविन्द्र कुमार का आगामी चातुर्मास गोगुंदा तहसील के रावलिया कलां में होना था लेकिन नियति को कुछ ओर ही मंजूर था। अपने सहयोगी संत मुनि अतुल कुमार को अकेला छोड़कर सदा के लिए देवलोकगमन हो गए।
उल्लेखनीय है कि सोमवार दोपहर को पदराड़ा में तेरापंथ जैन समाज के शासन मुनि रविंद्र कुमार का 87 वर्ष की आयु आख़री सांस ली थी । उनके निधन की सूचना मिलते ही गोगुंदा, रावलिया सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। सूचना के बाद आसपास के सैकड़ों लोग मुनि के अंतिम दर्शन के लिए तेरापंथ भवन पदराडा पहुंचे थे। बता दें कि मुनि रविंद्र कुमार का जन्म गोगुंदा में 6 जुलाई 1938 को हुआ था। इनके पिता का नाम चादणमल भोलावत और माता का नाम दाखा बाई था। मुनि रविंद्र कुमार ने दीक्षा से पहले 12वीं तक पढ़ाई की थी। 19 जून 1960 को राजसमंद जिले के चारभुजा में दीक्षा की आज्ञा हुई व 8 जुलाई 1960 को केलवा में आचार्य तुलसी ने इन्हें दीक्षा दी थी। तब उनकी उम्र महज 22 वर्ष थी।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।