सायरा (Udaipur)-अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की मंशा से राज्य सरकार की ओर से शुरू किया गया पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा शिविर सोमवार को उपखंड क्षेत्र के रावलिया खूर्द, रावलिया कला और रोयडा व तिरोल ग्राम पंचायतों में आयोजित हुए।
शिविर के दौरान रोयडा ग्राम पंचायत में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने यह सिद्ध कर दिया कि जब प्रशासन संवेदनशील हो और तत्परता दिखाए, तो वर्षों से चली आ रही समस्याओं का समाधान कुछ ही मिनटों में हो पूरा हो सकता है। करीब 80 वर्षीय वृद्ध किसान शंकरिया पुत्र सवा की ज़मीन वर्षों से कागजों की गलती के कारण विवादित स्थिति में थी। पूर्व में उनके नाम भूमि का आधा हिस्सा दर्ज था लेकिन सेग्रीगेशन (विभाजन) की प्रक्रिया के दौरान तकनीकी त्रुटि से यह घटकर केवल चौथाई (1/4) रह गया। शंकरिया सोमवार को अन्त्योदय शिविर में पहुंचे और अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपखंड अधिकारी शुभम भैसारे (आईएएस) एवं तहसीलदार सुरेश मेहता ने मौके पर ही राजस्व टीम को दस्तावेज़ों की जांच के निर्देश दिए। जांच के कुछ ही मिनटों में त्रुटि की पुष्टि हो गई। तत्काल कार्रवाई करते हुए शंकरिया का 1/2 का वास्तविक हिस्सा रिकॉर्ड में दोबारा दर्ज किया गया, जिससे उन्हें वर्षों बाद न्याय मिला। पुरखों की जमीन वापस मिलने की पुष्टि हुई, तो वृद्ध शंकरिया की आंखों से झलकती चमक और चेहरे की मुस्कान देखते ही बन रही थी।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।