Home » प्रदेश » सिटी पैलेस में तीन दिवसीय जनजाति कला प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ

सिटी पैलेस में तीन दिवसीय जनजाति कला प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ

उदयपुर/ जनजाति क्षेत्र की लोक संस्कृति एवं कला को मंच देने तथा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में सिटी पैलेस परिसर में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी का शुभारंभ शुक्रवार को संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, टीएडी आयुक्त शक्तिसिंह राठौड़ तथा उदयपुर राजपरिवार के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ के आतिथ्य में हुआ। इसमें टीआरआई की ओर से संचालित बनफूल आर्ट स्टूडियो के कलाकारों सहित अन्य जनजाति कलाकारों की कृतियों का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की गौरवमयी कला-संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सतत प्रयासरत है। इसी कड़ी में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी के निर्देशन में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग जनजाति अंचल की संस्कृति और कलाओं को संबल देने के लिए कार्य कर रहा है। विभाग की ओर से टीआरआई में बनफूल स्टूडियो स्थापित किया गया है, जिसमें आदिवासी कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाता है। इसी के तहत शुक्रवार से महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के साझे में तीन दिवसीय प्रदर्शनी सिटी पैलेस में प्रारंभ की गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने कहा कि जनजाति अंचल की संस्कृति और कलाएं अद्भूत हैं। आदिवासी महिलाएं घरों की दीवारों पर मांडने करती हैं, वह लोक कला का उत्कृष्ट रूप हैं। ऐसी की कलाओं को संरक्षण देने तथा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के प्रयास अनुकरणीय हैं।

महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कहा कि आदिकाल से ही मेवाड़ कलाओं का संरक्षक रहा है। हमारे पूर्वजों ने यहां की कलाओं और कलाकारों को आश्रय और प्रोत्साहन देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। एक बार पुनः लोक कलाओं के संरक्षण का माध्यम बनने का अवसर पाकर गर्वित और हर्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सभी पर्यटकों से प्रदर्शनी का अवलोकन कर कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया।

टीआरआई निदेशक ओपी जैन ने बताया कि प्रदर्शनी में बनफूल स्टूडियो से जुडे कलाकारों के अलावा आदिवासी समाज के उत्कृष्ट चित्रकारों, भित्ति चित्र कलाकारों आदि की कृतियों का प्रदर्शन किया गया है। इसमें मांडना कला, पक्षियों के पंखों पर चित्रकारी, काष्ठ कृतियां आदि को शामिल किया है। पर्यटक प्रदर्शनी अवलोकन के साथ ही कृतियां खरीद भी सकते हैं। इसका भुगतान सीधे कलाकारों को प्राप्त होगा। इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग व टीआरआई के अधिकारी, लोक कलाकार, महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के पदाधिकारी आदि भी उपस्थित रहे।

लोक कला को देख गद्गद् हुए पर्यटक

सिटी पैलेस परिसर में बड़ी संख्या में पहुंचे देसी-विदेशी पर्यटकों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। आदिवासी कलाकारों द्वारा कैनवास, पंखों, कपड़ों पर उकेरे चित्रों तथा काष्ठ की कलाकृतियों को देखकर पर्यटक अभिभूत हो उठे। आदिवासी लोक संस्कृति और जीवन चर्चा पर आधारित भित्ति चित्रों को बहुत देर तक निहारा तथा उनके भीतर के भावों का समझने का प्रयास किया। कई पर्यटकों ने हाथों हाथ कई कलाकृतियां क्रय भी की।

Pavan Meghwal
Author: Pavan Meghwal

पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram

Leave a Comment

Realted News

Latest News

राशिफल

Live Cricket

[democracy id="1"]