सायरा (Udaipur) – क्षेत्र के उमरणा में श्री वर्धमान स्थाननवासी जैन श्रावक संघ के संतो का पारणा महोत्सव के दौरान मंगल प्रवेश हुआ। महिलाओ ने सिर पर कलश रखकर अगवानी की गई ,श्रावकों ने जयकारों के साथ संतो का स्वागत किया गया। इस प्रवेश कार्यक्रम में अनेक गांवो के श्रावक – श्राविका उपस्थित रहे।
सुकून मुनि ने श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शीलकुंवर जी की समाधि के पावन स्थल पर पारणा महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है, हम मारवाड़ से चलकर इस आयोजन में भाग लेने के लिए आये है। हमारे बीच संतो का सानिध्य है। जिनेन्द्र मुनि ने पाली से सन्तो के आगमन पर स्वागत किया और कहा कि आप की कृपादृष्टि से ही पारणा महोत्सव कार्यक्रम सफल होगा। रमेश मुनि ने कहा कि हमारे जीवन मे शक्ति और भक्ति का संगम होना अत्यंत आवश्यक है।मन वचन के द्वारा अनुमोदना करते रहें ,कार्य को सफलता निश्चित मिलेगी। दान परम्परा का प्रवाह प्रवर्तित करने वाला है।
ड्रॉ वरुण मुनि ने कहा कि हाइवे से दूर ,सड़क से दूर महावीर गौशाला संस्थान होने के बाद भी समय समय पर संतो का चातुर्मास कराना एक उपलब्धि से कम नही है। इसका मुख्य कारण है कि समाज के कर्मठ कार्यकर्ताओ की लगन सफलता की तरफ आगे बढ़ा रही है। महावीर जैन गौशाला शीलकुंवर जी की समाधि स्थल है, यह पावन भूमि है। मुनि ने कहा कि सुकून मुनि के सानिध्य में वर्षीतप का पारणा महोत्सव होने जा रहा है।तप जीवन की ऐसी दिव्यता है,जो मनुष्य को उत्स प्रदान करती है। जिनेन्द्र मुनि ने कहा कि तप मनुष्य की निर्जरा करता है,उसी विकारों से परे करता है। तप के माध्यम से अध्यात्म की उच्चतम ऊंचाइयों का स्पर्श किया जाता है। भगवान ऋषभदेव की तप साधना का अनुकरण करने की दृष्टि से आज भी बड़ी संख्या में तप साधना की जाती है। महावीर जैन गौशाला में समाज के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रही। चैयरमेन लक्ष्मी लाल कच्छारा , हस्तीमल धोका हीरालाल मादरेचा , हिमतमल कांग्रेचा, रमेश पुनमिया, खुबिलाल , अशोक मादरेचा नरेश मांडोत मौजूद रहे।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।