उदयपुर – शहरी स्वच्छता तथा स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर एवं नगर निगम प्रशासक नमित मेहता की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें नगर निगम के सफाई बंदोबस्त की समीक्षा करते हुए स्वच्छ भारत सर्वेक्षण रैकिंग में उदयपुर को अग्रणी बनाने को लेकर चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि लेकसिटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों की पहली पसंद है, लेकिन स्वच्छता में अभी हमें बहुत काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को आदत बनाना होगा, तभी इसकी सार्थकता है। उन्होंने आमजन को जागरूक करने पर बल दिया। साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण के सभी पैरामीटर्स पर सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता जताई।
प्रारंभ में नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने पीपीटी के माध्यम से नगर निगम की सफाई व्यवस्था का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने बताया कि शहर के 70 वार्डों में 2300 से अधिक बीट तय की गई हैं, जिनमें सफाई कर्मियों को नियोजित किया गया है। सफाई व्यवस्था की मोनिटरिंग के लिए जमादार, प्रभारी, सफाई निरीक्षक, स्वास्थ्य निरीक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी स्तर का सेटअप है। उन्होंने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, आईईसी गतिविधियों, ठोस कचरा प्रबंधन, सीवरेज सिस्टम, झीलों की सफाई व्यवस्था आदि के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। बैठक में घर-घर कचरा संग्रहण के तहत यूजर चार्जेज पर भी चर्चा हुई। स्वच्छ भारत सर्वेक्षण के नियमानुसार आमजन की स्वच्छता के प्रति सहभागिता के रूप में यूजर चार्जेज जमा होना अनिवार्य है। उदयपुर में नगर निगम बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय के तहत यूजर चार्जेज प्रति माह प्रति घर 20 रूपए निर्धारित है। इसमें भी अधिकांश लोगों की ओर से राशि जमा नहीं कराए जाने की बात सामने आई। आयुक्त ने ठोस कचरा प्रबंधन के तहत शहर के कुछ होटल्स की ओर से अपने स्तर पर ठोस कचरा प्रबंधन के लिए जरूरी उपकरण लगाए जाने की बात कही। इस पर जिला कलक्टर ने इसके लिए अन्य होटल्स को भी प्रेरित करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने शहर में सीवरेज कवरेज की जानकारी ली। इसमें बताया कि वर्तमान में शहर का 60 प्रतिशत भाग सीवरेज लाइन से कवर है। प्रगतिरत कार्य से यह एरिया 73 प्रतिशत हो जाएगा। राज्य सरकार की बजट घोषणा में शेष क्षेत्र को भी कवर किया जाना है। जिला कलक्टर श्री मेहता ने प्रस्तावित कवरेज में एसटीपी निर्माण के लिए उचित जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए। बैठक में स्मार्ट सिटी सीईओ कृष्णपाल सिंह चौहान, गिर्वा एसडीएम सोनिका कुमारी, नगर निगम के अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी बाबूलाल चौधरी सहित नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी से अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
बारिश पूर्व नालों की सफाई सुनिश्चित करें
बैठक में जिला कलक्टर ने शहर में स्थित नालों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। निगम अधिकारियों ने अवगत कराया कि शहर में छोटे-बड़े 329 नाले हैं। इनकी सफाई का कार्य 15 अप्रेल से प्रारंभ कर दिया गया है। बड़े नालां की सफाई के लिए जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है बाकी नाले मैनुअली साफ कराए जा रहे हैं। उन्होंने 31 मई से पूर्व सभी नालों की सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि मानसून के दौरान जलप्रवाह बाधित नहीं हो।
झीलों में नहीं जा रहा सीवरेज
बैठक में जिला कलक्टर ने झीलों में सीवरेज जाने की शिकायतों का जिक्र करते हुए वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी। इस पर निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि झीलों में किसी भी प्रकार का सीवरेज नहीं जा रहा है। कभी-कभार सीवरेज लाइनों के ओवरफ्लो होने की समस्या आती है, जिसका सूचना मिलते ही समाधान करा दिया जाता है।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।