गोगुंदा – क्षेत्र के सबसे ऊंचे व पर्यटन कर दृष्टि से महत्वपूर्ण धोल्या जी के पहाड़ पर 17 मार्च से आग लगी हुई है, पहाड़ पर घना जंगल व वनस्पति हैं, जो आग में जलकर नष्ट हो रही है। दूर दराज से आग की लपटें व धुंआ दिखाई दे रहा है। यहां हर साल आग लगती है, जिससे वन व वन्यजीवों को क्षति पहुंचती है। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाता है। सामाजिक कार्यकर्ता नेगाराम गरासिया ने बताया कि 17 मार्च को वन विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत कराया दिया लेकिन अभी तक विभाग आग को नहीं बुझा पाया है। इस कारण आग आगे बढ़ती हुई सुआर बावजी के पहाड़ तक पहुंच गई है।
उल्लेखनीय है कि जागरूकता की कमी के चलते कई लोग पुत्र कामना में पहाड़ जलाते है। इसे रोकने के लिए प्रशासन व वन विभाग को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए लेकिन किसी ने भी इस ओर कदम नहीं उठाए है।
17 मार्च को वन विभाग के रेंजर जयवर्धन ने कहा था कि उनकी टीम आग को बुझाने के प्रयास कर रही है लेकिन उसके बाद से अब तक आग को नहीं बुझाया जा सका है। वहीं गोगुंदा के आला अधिकारियों को इस बारे में जानकारी ही नहीं है।
‘‘मुझे इसके बारे में किसी ने सूचना नहीं दी, आपसे ही पता चला है। मैं वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी से बात करता हूं, साथ ही फायर ब्रिगेड से भी बात करता हूं, आग बुझाने के काम को प्राथमिकता देकर पूरा करवाता हूं।’’-शुभम भैसारे, एसडीएम-गोगुंदा
आपने बताया उसके बाद हमारी टीम ने लगातार दो दिन तक आग बूझाने का काम किया और आग बुझा भी दी लेकिन हवाओं के कारण शायद आग वापस लग गई। अभी सूचना मिलने के बाद हम मौके पर पहुंचे रहे है, जल्दी ही आग को बूझा लिया जाएगा। – जयवर्धन, क्षेत्रीय वन अधिकारी – गोगुंदा
‘‘हम धोल्या जी पर्वत को पर्यटक स्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, आग को बुझाने के लिए अभी मैं सभी अधिकारियों से बात कर रहा हूं। हम इस पर्यटक स्थल का शत प्रतिशत संवर्धन करेंगे।’’ – पुष्कर तेली, उपजिला प्रमुख-उदयपुर

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।