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तन और धन ही नही अपनी प्रज्ञा का भी सदुपयोग करिए – जिनेन्द्र मुनि

सायरा (Udaipur) – क्षेत्र के उमरणा में शनिवार को श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वाधान में आयोजित धर्म सभा में जिनेन्द्र मुनि ने कहा कि अपने मन और तन का सदुपयोग हो,इस विषय मे तो विवेचना प्राय होती हैं , किन्तु अपनी प्रज्ञा का भी सदुपयोग हो इस दिशा में हम बहुत कम सोचते हैं। नए वर्ष पर मंगल प्रवचन देते हुए मुनि ने कहा कि महामंत्र का जाप हर व्यक्ति को करना चाहिए। सुबह उठते समय नवकार मंत्र की माला हर एक को करनी चाहिए। नवकार महामंत्र अनादि-अनंत है इसका कोई निर्माता नही है, मात्र उच्चारण हैं। अनादिकाल से यह विद्यमान रहा हैं , और भविष्य में भी यह सदा सर्वदा विद्यमान रहेगा। इसमें किसी व्यक्ति पंथ और मान्यता का समावेश नही है। इस महामंत्र में मानव जीवन की श्रेष्ठतम अवस्थाओं की अभिवंदना हैं । यह अखिल मानवता का महामंत्र है। कल्पनातीत है। सभी विद्याओं से परे है नवकार महामंत्र में असीम ताप हैं।
प्रवीण मुनि ने कहा आत्मा की शक्ति अनन्त हैं, आत्मा अमर है।इसको कोई काट नही सकता हैं। मुनि ने नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नए वर्ष में सुख समृद्धि धन्य धान्य की वृद्धि हो यही कामना करते हैं। शुभ कामनाएं देते हुए कहा कि धर्म आराधना कर अपने अकर्म की निर्जरा कर जन्म जन्मांतर के अकर्म नष्ट करने के लिए धर्म साधना सुगम मार्ग हैं।
रितेश मुनि ने नववर्ष की शुभकामनाएं दीं , धर्म आराधना करने के लिए आग्रह कर कहा कि धन दौलत कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती हैं। लेकिन भाग्य बनाने के लिए सुकर्म कर अगले जन्मों का संचय करना बहुत आवश्यक हैं। धर्म के बीना सब व्यर्थ हैं।

प्रभात मुनि ने उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को सम्बोधित कर कहा कि त्याग जीवन की प्रथम सीढ़ी है।त्याग के बिना जीवन सफल नही हो सकता है।राम का त्याग आज भी सुवर्ण अक्षरों में लिखा गया है।त्याग जीवन को महान बनानें की प्रक्रिया हैं। संत ने कहा कि मोहनीय कर्म आत्मा को गर्त में धकेलते हैं। धर्म साधनाएं व्यर्थ कभी नही होती । धर्म साधना को पाखण्ड कहना पाप हैं। आज उमरणा में नए वर्ष पर संतो के दर्शन करने एवं नए वर्ष पर शुभ मांगलिक के लिए प्रवासियों का आगमन हुआ। सूरत मुम्बई एवं पालघर से आये श्रावकों ने जिन वाणी का रसपान कर अपने को धन्य समझा। शुभ मंगलीक के लिए एवं दर्शन लाभ के लिए सेहरा प्रान्त से लोगो का आवागमन हुआ।

Pavan Meghwal
Author: Pavan Meghwal

पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।

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