उदयपुर (Udaipur)- वन विभाग द्वारा आयोजित इको डेस्टिनेशन ट्यूर कार्यक्रम के तहत उदयपुर वासियों को रणकपुर और जवाई लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व की सैर करवाई गई। इस ईको डेस्टिनेशन ट्यूर में 32 व्यक्तियों ने हिस्सा लिया और प्रकृति के बीच रोमांच का अहसास किया।
रणकपुर बांध और देवदर्शन ने मन मोहा
उप वन संरक्षक देवेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि रविवार को इस साप्ताहिक ट्यूर की शुरूआत सुबह 7ः30 बजे वन भवन से हुई। सभी यात्री वातानुकूलित गाड़ी से रणकपुर पहुंचे। अच्छी बारिश के चलते रणकपुर बांध के भराव का विहंगम दृश्य उदयपुर वासियों के दिलों को छू सा गया। यहां रणकपुर जैन तीर्थ पर देवदर्शन के बाद दल पाली जिले में स्थित जवाई बांध पहुंचा। जवाई बांध की विशाल पाल का दर्शन और उसका नैसर्गिक सौंदर्य मानो किसी समुद्र जैसा प्रतीत हुआ।
लेपर्ड के पदचिह्न व इगल आउल भी दिखे
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट शरद अग्रवाल और कनिष्क कोठारी ने रणकपुर बांध स्थल के आसपास के क्षेत्र में मादा लेपर्ड और कब के साथ हाइना के पदचिह्नों को दिखाया तो दल रोमांचित हो उठा। इसी प्रकार सेणा गांव की पहाड़ियों पर विशालकाय इगल आउल को भी देखकर दल सदस्य उत्साहित हुए।
सेणा में लेपर्ड की आहट का रोमांच
जवाई बांध की पाल को पीछे छोड़ दल सेणा गांव पहुंचा जहा ओपन जिप्सियों में बैठ दल ने एडवेंचर हिल राइड का आनंद उठाया। गोधूली वेला के नजदीक आते आते दल तेंदुए की गुफाओं वाली पहाड़ियों की ओर बढ़ चला। तेंदुए को देखने के लिए सभी की आंखे पहाड़ी के कोने-कोने को निहारती रही। जैसे ही लेपर्ड की आहट की सूचना मिलती तो हर व्यक्ति रोमांचित हो उठता। ग्रेनाइट की ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर इधर-उधर दूरबीन से निहारती निगाहे मानो श्री कृष्ण को ढूंढती राधा सा प्रतीत हो रहा था। यहां पर दल के कुछ सदस्यों ने लेपर्ड और उनके कब भी देखे। यहां पर हरियाली से आच्छादित पहाड़ियों के बीच सूर्यास्त का मनोहारी दृश्य देखकर दल सदस्य सम्मोहित से दिखे।
अगली बार सीतामाता और फूलवारी की नाल अभयारण्य की सैर
उप वन संरक्षक तिवारी ने बताया अगला ईको डेस्टिनेशन टूर सीता माता वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी और फुलवारी की नाल सैंक्चुअरी का रखा गया हैं।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।