भूगोल, इतिहास जैसे विषय को याद रख पाना चुनौतीपूर्ण होता है। एक कहावत भी है; “हिस्ट्री-जिऑग्रफी बड़ी बेवफा, रात भर रटो सुबह सफा” इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आज हमारे साथ हैं संस्कृति IAS Coaching के कुमार गौरव सर। सर लम्बे समय से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को भूगोल पढ़ा रहे हैं। सर ने अभ्यर्थियों को याद करने की समस्या को प्रत्यक्ष अनुभव किया है। इसके समाधान के लिए सर ने अनेक नवाचार किए हैं, जिस पर आज विस्तार से चर्चा की जाएगी।
संस्कृति IAS Coaching के कुमार गौरव सर से पहला प्रश्न था कि आप अभ्यर्थियों में ऐसी कौन सी कला विकसित कर देते हैं कि अभ्यर्थी एक बार पढ़ने के बाद लम्बे समय तक उसे नहीं भूलते हैं?
सर ने जबाव में कहा कि मैं भूगोल विषय पढ़ाता हूँ। यह विषय कालिक और भौतिक दोनों दृष्टियों से व्यापक विषय है। मैंने पढ़ाने के क्रम में अभ्यर्थियों की समस्याओं को महसूस किया है, कुछ आप से भी साझा कर रहा हू; जैसे-
• भूगोल में तथ्य अधिक होते हैं। इन्हें याद कर पाना आसान नहीं होता है।
• इस विषय में किसी समय विशेष में तुलनात्मक अध्ययन करना होता है, जो सिर्फ शब्दों की भाषा में समझ पाना संभव नहीं है।
• किसी क्षेत्र, देश या महाद्वीप की स्थिति को मौखिक या शाब्दिक रूप में समझ पाना एवं अपनी स्मृति में रख पाना जटिल है।
• यदि आप भूगोल की किसी संकल्पना को समझ रहे हैं उसकी शाब्दिक अभिव्यक्ति कर पाना मुश्किल होता है। जैसे- बादलों के बनने की घटना
• इस विषय में क्षैतिज एवं लम्बवत दोनों तरह से अध्ययन करना होता है। दोनों पद्धतियों का एक साथ प्रयोग अभ्यर्थियों को भ्रमित करता है, आदि।
सर ने बताया कि जब मैंने अध्यापन को मानचित्र से पढ़ाना आरम्भ किया। चमत्कारिक परिणाम देखने को मिले। अभ्यर्थियों को समझाना और याद कराना दोनों आसान हो गया। चूँकि होता क्या है मानव मस्तिष्क पिक्चर की भाषा बखूबी समझता है। यही कारण है कि व्यक्ति द्वारा देखी गई घटनाएँ आसानी से चेतना में धँस जाती हैं। यही कारण है कि जब भूगोल को मानचित्र के माध्यम से पढ़ते हैं, तो सूचनाएं मस्तिष्क में छप जाती हैं।
सर ने परीक्षा के लिहाज से मानचित्र के महत्त्व पर चर्चा की और बताया कि-
• मानचित्र प्रतीकों चिह्नों के द्वारा अधिक-से-अधिक जानकारी सुलभ कराने की कला है।
• मानचित्र भूगोल को सम्पूर्णता देता है। जिसके माध्यम से किसी भू-भाग की अवस्थिति को समझ पाना आसान होता है।
• जटिल संकल्पना को मानचित्र के माध्यम से आसानी से व्यक्त कर सकते हैं।
• मानचित्र के माध्यम से समझा हुआ लम्बे समय तक स्मृति में बना रहता है।
• मुख्य परीक्षा में यदि उत्तरों में मानचित्रों को शामिल करते हैं तो अतिरिक्त अंक मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है।
• प्रारंभिक परीक्षा में 8 से 10 प्रश्न सीधे मानचित्र से देखने को मिलते हैं। विगत वर्षों में आए प्रश्नों के कुछ उदाहरण देखते हैं-
प्रश्न- अक्सर समाचारों में सुना जाने वाला शब्द “लेवंत” निम्नलिखित में से किस क्षेत्र से संबंधित है? (UPSC 2022)
(a) पूर्वी भूमध्यसागरीय तटों वाला क्षेत्र
(b) मिस्र से मोरक्को तक फैला उत्तरी अफ्रीकी तटों का क्षेत्र
(c) फारस की खाड़ी और हॉर्न ऑफ अफ्रीका के साथ क्षेत्र
(d) क्षेत्रों का संपूर्ण तटीय भूमध्य सागर
प्रश्न- निम्नलिखित देशों पर विचार करें: (UPSC 2022)
1. अज़रबैजान
2. किर्गिज़स्तान
3. तजाकिस्तान
4. उज़्बेकिस्तान
5. तुर्कमेनिस्तान
उपरोक्त में से किसकी सीमा अफगानिस्तान से लगती है?
(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 2, 3 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
इस प्रकार के अनेक प्रश्न सीधे परीक्षा में पूछे जाते हैं, जिनको मौखिक बिना मानचित्र के समझना और समझाना कठिन होता है।
इस लेख में सर ने पढ़े हुए को लम्बे समय तक याद रखने की महत्वपूर्ण बाते साझा की हैं। इसे अभ्यर्थी अपनी तैयारी की रणनीति में शामिल कर सकते हैं। ऐसा विश्वास है कि ये बाते आपकी सफलता में सहायक साबित होंगी। आपको बता दें कि संस्कृति IAS के कक्षा कार्यक्रम में भी मानचित्र के माध्यम के अध्ययन को प्रभावी रूप से शामिल किया गया है।