जयपुर (Udaipur)-राज्य सरकार द्वारा घोषित बजट वर्ष 2025- 26 में प्रदेश के सात लाख से अधिक अधीनस्थ सेवाओं के कर्मचारियों की एक भी मांग पर घोषणा नहीं होने से कर्मचारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार के द्वारा दो-तीन सेवाओं के पुनर्गठन के लिए तो घोषणा की गई है उसका कर्मचारी संयुक्त महासंघ स्वागत करता है लेकिन अधीनस्थ सेवाओं के कर्मचारी जिनके पदोन्नति के अत्यंत न्यूनतम अवसर है और प्रथम पदोन्नति ही 15 से 20 वर्षों में हो रही है उनके कैडर पुनर्गठन को बजट घोषणा में सम्मिलित नहीं करने से इन कर्मचारियों में आक्रोश है ।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिला अध्यक्ष हेमंत पालीवाल ने बताया कि महासंघ लंबे समय से वेतन विसंगति एवं पदोन्नति अवसरों में विसंगति दूर करने की मांग कर रहा है लेकिन पहले ख़ेम राज समिति ने निराश किया और आज के बजट में महासंघ से संबद्ध अधीनस्थ सेवाओं यथा तृतीय श्रेणी शिक्षक, कृषि पर्यवेक्षक, ग्राम विकास अधिकारी , सहायक एवं अतिरिक्त विकास अधिकारी, पटवारी , कानूनगो , पशु चिकित्सा कर्मचारी , एएनएम , नर्सेज, आयुष नर्सेज, आयुर्वेद परिचारक , सहायक कर्मचारी, वन अधीनस्थ एवं वन श्रमिक के तकनीकी कर्मचारी , राजस्थान अधीनस्थ एवं कंप्यूटर कर्मचारी , सांख्यिकी संवर्ग , शारीरिक शिक्षक संवर्ग आदि के कैडर पुनर्गठन को सम्मिलित नहीं करना निराशाजनक है। इन सभी संवर्गों के अधिकतम 15 से 20 प्रतिशत पदोन्नति पद है जो कि अन्य कुछ संवर्ग जिनके लगभग 60 प्रतिशत पदोन्नति पद से अत्यंत न्यूनतम है। सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के संख्या में अधिक होने से एक बार फिर उपेक्षा की गई है ।इसके अतिरिक्त आज के बजट में छठे एवं सातवें वेतन आयोग की विसंगति दूर करने का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है इसके साथ ही एनपीएस में काटे गए 53 हजार करोड रुपए कर्मचारियों के जी पी एफ खातों में जमा करने के संबंध में भी किसी प्रकार का प्रावधान नहीं करने से ओपीएस को लेकर कर्मचारियों में असमंजस उत्पन्न हो रहा है।
महासंघ के जिला महामंत्री लच्छी राम गुर्जर ने बताया कि बजट में एक और तो सरकार के द्वारा प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से संविदा कार्मिकों की नियुक्ति नहीं करने की दिशा में कदम बढ़ाने की घोषणा की गई है वहीं दूसरी ओर जल जीवन मिशन योजना में संविदा कैडर बनाने की घोषणा की गई है। यह सरकार की दोहरी मानसिकता है जो कि महासंघ की नियमित पदों पर नियमित भर्ती की मांग के विरुद्ध है। इसका भी महासंघ विरोध करता हैं।
महासंघ के अध्यक्ष महावीर शर्मा एवं महामंत्री महावीर सिहाग ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बजट की रिप्लाई में अधीनस्थ सेवाओं के पुनर्गठन की घोषणा करते हुए प्रत्येक संवर्ग को प्रथम पदोन्नति 5 से 8 वर्षों में सुनिश्चित करते हुए न्यूनतम 4 पदोन्नति अवसर पदोन्नति के वेतनमान (8,16 ,24 एवं 32 वर्ष ) उपलब्ध करवाए जावे तथा संविदा प्रथा के स्थान ओर नियमित भर्ती करने की घोषणा की जाएं ।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।