Desk update – करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक है। करवा चौथ के विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। कहां जाता है इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ चंद्र देव और करवा माता की पूजा की जाती है।
इस व्रत में चंद्रमा की पूजा का बहुत महत्व है। चंद्रमा के उदय होते ही महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और फिर अपने पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ पर बाजारों में सजी दुकानें
करवा चौथ पर्व पर गोगुंदा और सायरा क्षेत्र में बाजार में करवा चौथ कि खरीदारी करने के लिए महिलाएं करवे खरीदने के लिए बाजारों में पहुंची। दुकानदारों ने मिट्टी के करवे बनाकर दुकानों के बाहर सजाएं।
चंद्रोदय का चांद निकलने का समय
शिव लहरी ज्योतिष कार्यलय के पंडित हितेश पालीवाल ने बताया कि करवा चौथ के लिए पूजा का समय रविवार शाम 5: 46 से 7:15 तक रहेगा। वहीं चंद्रमा उदय रात्रि 8:18 पर होगा।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।