जयपुर (Jaipur)/ जवाहर कला केंद्र में शुक्रवार शाम संगीत और कला प्रेमियों के लिए ख़ास रही। अवसर था डेल्फीक काउन्सिल ऑफ़ राजस्थान द्वारा आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय सुर और ताल महोत्सव का। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से आयोजित किया जा रहे इस अनूठे महोत्सव में पहले दिन गुजरात के आचार्य रणछोड़ गोस्वामी द्वारा हवेली संगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी जिसमें शास्त्रीय संगीत ध्रुवपद और धमार द्वारा श्री कृष्ण भक्ति रस के पदों का मधुर गायन किया गया। कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति प्रसिद्ध कोरियोग्राफर संतोष नायर द्वारा निर्देशित विभिन्न शास्त्रीय नृत्यों पर आधारित नृत्य फ्यूज़न वाइब्रेन्ट इंडिया रही। जिसमें करीब 30 कलाकारों नें ओडीसी, भरतनाटयम, मोहनीअटम, छाऊ, सूफियाना, सहित देश की विभिन्न नृत्य विधाओं को एक सूत्र में बाँध कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। प्रस्तुति में जब विभिन्न शास्त्रीय नृत्य के साथ साथ राजस्थान के घूमर, मणिपुर के पुंग ढोल चोलम और गरबा जैसे लोक नृत्यों का तालमेल हुआ तो दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर हो गए। अंत में जब सभी कलाकार एक साथ मंच पर आए तब दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों ने अभिनंदन किया ।
कार्यक्रम के बाद आईएएस श्रेया गुहा नें सभी अतिथियों और दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। महोत्सव में दूसरे दिन सौरव वशिष्ठ द्वारा शास्त्रीय गायन और ओडीसी नृत्य की प्रस्तुति होंगी।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।