उदयपुर। भीषण गर्मी में भारवाहक पशुओं का उपयोग किये जाने और इससे पशुओं के बीमार होने की आशंका के चलते जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने आदेश जारी कर भारवाहक पशुओं के दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक भार वहन में उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ शरद अरोड़ा ने बताया कि प्रायः देखा गया है कि गर्मियों के मौसम में तापमान अधिक रहता है। तापमान अधिक रहने के बावजूद भारवाहक पशु यथा उंट, घोडा, खच्चर, बैल व गधा आदि को कुछ पशु मालिकों द्वारा काम में लिए जाने के कारण उनके बीमार होने, लू लगने एवं तापघात की सम्भावना बहुत बढ जाती है, जो कि पशु कुरता की श्रेणी में आता है। जिला कलक्टर ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए पशु कुरता की रोकथाम, पशु स्वास्थ्य का संरक्षण एवं पशु रोगों के प्रसार को रोकने व पशुओं के प्रति दया भावना एवं जागरूकता की आवश्यकता के मध्य नजर भारवाहक पशु यथा उंट, घोडा, खच्चर, बैल व गधा आदि को अत्यधिक गर्मी/उच्च तापमान के समय दोपहर 12.00 बजे से 03.00 बजे के बीच भारवाहक कार्य हेतु उपयोग में नही लेने का आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा उपरोक्त वर्णित भारवाहक पशु प्रजातियों को दोपहर 12.00 से 03.00 बजे के बीच भार वाहन हेतु उपयोग में लेता हुआ पाये जाने पर पशु कुरता निवारण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत कार्यवाही की जावेगी।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।