उदयपुर (udaipur) – गणगौर के अवसर पर जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के साझे में आयोजित मेवाड़ महोत्सव के दूसरे दिन शहर के विभिन्न समाजों की गणगौर हरे रंग की थीम के साथ गणगौर घाट पहुंची। यहां पर राजस्थानी वेशभूषा प्रतियोगिता आयोजित हुई वहीं गोगुंदा में लाल गणगौर की भव्य सवारी आकर्षण का केंद्र रही।
गोगुंदा में पारम्परिक विधि-विधान के साथ लाल गणगौर की सवारी निकाली गई नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गणगौर घाट पहुंची। इस दौरान किन्नर समाज की गादीपति आशा कुंवर ने गणगौर की मूर्ति को सिर पर रखकर नृत्य किया और उनकी शिष्याओं के साथ माली समाज की महिलाओं ने भी मन मोहक नृत्य किया।
मेवाड़ महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या ने बांधा समां
पर्यटन विभाग की ओर से गोगुंदा मे आयोजित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में बारां के गोपाल धानुक की टीम ने पारंपरिक सहरिया स्वांग, गोगुंदा की कमला कामड ने तेरहताल नृत्य, बाड़मेर के पारसमल एंड पार्टी ने लाल आंगी एवं गौतम ने भवाई नृत्य की प्रस्तुति दी। जैसलमेर के रोशन खान ने गायन, चित्तौड़ के विक्रम ने बहूरूपिया कला और रुण्डेडा के मोहनलाल एंड पार्टी ने गैर नृत्य प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। बाड़मेर की ममता एंड पार्टी, सायरा के पदमदास, बाड़मेर के जगदीश पंचरिया ने भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथियों का हुआ स्वागत
गोगुंदा उपखंड अधिकारी आईएएस शुभम भैसारे, थानाधिकारी आईपीएस प्रशिक्षु माधव उपाध्याय,तहसीलदार रणछोड़लाल, विकास अधिकारी महिप सिंह जागावत और थाना प्रभारी श्याम सिंह सहित गोगुंदा उप प्रधान लक्ष्मण सिंह झाला, पूर्व उप प्रधान पप्पू राणा भील, सरपंच कालू लाल गमेती सहित गांव के गणमान्य लोगों के साथ जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।