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राजतिलक तिथि पर मेवाड़ के अनदेखे-अनकहे-अनछुए पहलुओं को दिखाएगा ‘अनदेखा’

गोगुंदा (Udaipur)- मेवाड़ के समृद्ध इतिहास, पुरातत्व, पर्यावरण, शिल्प-संस्कृति के अनदेखे पहलुओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उदयपुर के दो आर्किटेक्ट्स सुनील एस लढ्डा और प्रियंका कोठारी ने पहल की है और ‘अनदेखा’ शीर्षक से डॉक्यूमेंटरी का निर्माण किया है। इसका पहला एपिसोड वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की राजतिलक तिथि 28 फरवरी के अवसर पर राजतिलक स्थल गोगुंदा के इतिहास को समर्पित किया गया है। इस एपीसोड का लोकार्पण राजतिलक तिथि की पूर्व संध्या पर गुरुवार शाम को गोगुंदा के पंचायत समिति सभागार में ग्रामीणों और अतिथियों की मौजूदगी में किया गया।

गोगुंदा के लिए गौरव का क्षण

समारोह में डॉक्यूमेंटरी के पहले एपीसोड का लोकार्पण अतिथि उप प्रधान लक्ष्मण सिंह झाला, पूर्व उप प्रधान पप्पू राणा, गोगुंदा मंडल अध्यक्ष निखिल कोठारी, एडवोकेट खुमाण सिंह राव, एडवोकेट भवानी सिंह मकवाना, पृथ्वीसिंह चदाना, काशी राम सहित प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में हुआ। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि यह गोगुंदा के लिए गौरव की बात है कि इस धरा पर 28 फरवरी, 1572 को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का राजतिलक हुआ था और उन्हीें यादों में कुछ अनदेखी, अनसुनी यादों को इस डॉक्यूमेंटरी के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। वक्ताओं ने महाराणा प्रताप से जुड़े स्थलों के संरक्षण-संवर्धन के लिए भी प्रयास करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।

अनदेखे तथ्यों को देख रोमांचित हुए गोगुंदा वासी

डाक्यमेंटरी के पहले एपिसोड के प्रसारण दौरान आर्किटेक्ट सुनील एस लढ्डा और प्रियंका कोठारी ने गोगुंदा के इतिहास के गौरवांवित पलों को उजागर किया और यहां पर राजतिलक स्थल की महत्ता, महादेव की बावड़ी के महात्म्य, इसके शिल्प-स्थापत्य की बारीकियों के साथ सांस्कृतिक महत्व को एक-एक कर बताया। इस डॉक्यूमेंटरी में अत्याधुनिक तकनीक एआई का प्रयोग करते हुए न सिर्फ बावड़ी के प्राचीन स्वरूप को आकर्षक ढंग से उकेरा अपितु इसमें रहट चलाकर और इसकी सीढ़ियों पर दर्शकों को बैठाकर किसी थियेटर की भांति प्रयोग करके दिखाया तोे मौजूद लोग रोमांचित हो उठे। लढ्ढा ने बताया कि इस एपीसोड के निर्माण में गांव के प्रबुद्धजनों के साथ इतिहासकार जितेन्द्र सुथार और महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ का तथा डॉक्यूमेंटरी निर्माण में फिल्म निर्देशक जितेन्द्र शास्त्री का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने बताया कि यह डॉक्यूमेंटरी यूट्यूब पर अनदेखा फॉर यू चैनल पर उपलब्ध है। 

समारोह में महेन्द्रसिंह मकवाना, गोगुंदा सीबीईओ प्रेरणा नौसालिया, अतिरिक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, मनीष माली, शिल्पकार हेमंत जोशी, कहानीकार रजत मेघनानी, सुरेश पालीवाल, रिया सोनी, चित्रकार राहुल सोनी, नीलोफर मुनीर, सुलभ तलवाड़िया, संजय आमेटा सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन, ग्रामीण और विद्यार्थी मौजूद रहे।  

Pavan Meghwal
Author: Pavan Meghwal

पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।

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