गोगुन्दा (Udaipur)- बुधवार को महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिवालयों में हर-हर महादेव की गुंज और भक्तों की भक्ति का उत्साह देखा गया। क्षेत्र के विभिन्न गांवों के शिवालयों में शिवरात्रि पर सुबह से ही भगवान शिव का जलाभिषेक प्रारंभ हुआ। गोगुंदा और सायरा क्षेत्र के प्रमुख शिवालयों में रात्रि में भजन कीर्तन का आयोजन भी आयोजित होंगे। शिव मंदिरों में सुबह से ही महिलाओं के हाथों में जल से भरे लोटें दिखाई दिए खासतौर पर महिलाएं लोटें में भरे पवित्र जल से शिवजी का जलाभिषेक कर परिवार के सुख समृद्धि की कामनाएं करती है।
इस तरह क्षेत्रभर के शिवालयों में तरपाल के चौराहा स्थित महादेव मंदिर ,कागटी पशुनाथ मन्दिर, पुनावली शिव मंदिर, सेमड में भृगेश्वर महादेव मंदिर, उमरोद गांव के जगेश्वर महादेव सहित अन्य गांवों में भी मंदिरों में मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना हुईं।
क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर जरगा जी स्थान, यहां दो दिवसीय मेले का होता है आयोजन
शिवरात्रि पर सायरा क्षेत्र के अरावली पर्वतमाला और बनास नदी तट पर स्थित जरगा जी स्थान पर भक्तों का आना दिनभर जारी रहा। यहां मेवाड़ और मारवाड़ के सैकड़ों श्रद्धालु मेले का हिस्सा बनते हैं। जरगा जी स्थान पर शिवरात्रि को लेकर दो दिवसीय भव्य मेले का आयोजन आयोजित हुआ है जो अमावस्या तक जारी रहेगा। इस स्थान को खास तौर पर क्षेत्रभर का प्रमुख स्थान माना जाता है। यह अरावली पर्वत मालाओं में राजस्थान की चौथी सबसे ऊंची चोटी में गिना जाता है। जिसकी ऊंचाई 1431 मीटर है।
शिवरात्रि पर्व पर राजतिलक स्थली पर बर्फ के शिवजी की हुई पूजा
गोगुंदा के महाराणा राजतिलक स्थली में भक्तों द्वारा शिवजी की बर्फ से बने शिवलिंग की मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना प्रारंभ हुई। यहां दिनभर श्रृद्धालुओं का आवागमन जारी । बता दें कि राजतिलक स्थली के बहार बर्फ के बने शिवलिंग पर पुष्प अर्पित कर प्रसाद वितरण किया गया। यहां हर वर्ष शिवरात्रि पर्व पर बर्फ के बने शिवजी की प्रतिमा पर जलाभिषेक और दुध चढ़ाया जाता है।
1800 फ़ीट ऊंचे पहाड़ पर देवरिया मथारा शिवालय में हुआ जलाभिषेक
क्षेत्र के तरपाल गांव के समीप देवरिया मथारा मन्दिर में शिवरात्रि पर जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूजा अर्चना की गई। इस मंदिर में धरातल से ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने के लिए करीब 1800 फ़ीट की दुरी तय करनी पड़ती है। वहीं मंदिर तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क बनाई गई हैं जहां भक्त वाहनों की मदद ले सकते हैं लेकिन मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त पैदल ही मंदिर तक का सफर तय करते हैं जिससे आनन्द महसूस होता है। शिवरात्रि पर्व पर यहां शिवभक्तों की सुबह से ही दर्शन करने की कतारें लग रही थी। दूर दराज से बाबा के दर्शन के लिए लोग पहाड़ पर चढ़कर परिवार के लिए समृद्धि की कामना करते दिखाई दिए।
उमरोद के जगेश्वर महादेव मंदिर में लगे जयकारे
सायरा क्षेत्र उमरोद गांव प्रवेश करने से पहले जड़ेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह एक पवित्र धार्मिक स्थल है। मंदिर के चारों ओर पहाड़ और जंगल है, बड़े-बड़े पेड़ और कल-कल बहते झरने हमेशा इस पवित्र स्थान को ठंडक देते है। शिवरात्रि पर मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलीं। यहां भी श्रृद्धालुओं ने भक्ति भावना के साथ जयकारों के लगाते हुए आनंद लिया। बताया जाता है इस मंदिर का निर्माण 50 वर्ष पहले हुआ था। इस मंदिर में एक बावड़ी भी है जो हर समय जल से भरी रहती है, इसका जल हमेशा शीतल रहता है। इस बावड़ी की खास बात यह है कि यह कभी नहीं सूखी। इस महादेव मंदिर परिसर में खेडादेवी माता का मंदिर, हनुमान मंदिर और गणेश मंदिर भी है। बुधवार को शिवरात्री पर्व पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती थीं।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।