सायरा (Udaipur)- महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव से आस्था रखने वाले भक्तों में शिवरात्रि के दिन खास उत्साह देखा जाता है। इस दिन क्षेत्र में मेला भी लगता है जहां सैकड़ों श्रद्धालु मेले का हिस्सा बनते हैं। भगवान शिव की भक्ति में लीन भक्त भगवान शिव के जयकारों के साथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।
सायरा क्षेत्र के बनास नदी के तट पर स्थित जरगा जी पर्वत पर शिवरात्रि के दिन दो दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में मेवाड़ और मारवाड़ क्षेत्र के सैकड़ों संख्या में लोग आते हैं और मेले का आनंद लेते हैं।
कहां है जरगा जी और क्या वजह है जिसके लिए आते हैं इतने श्रृद्धालु
सायरा क्षेत्र के अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बनास नदी के तट पर स्थित तपों पर्वत के नाम से देशभर में विख्यात जरगा पर्वत है । यह पर्वत अरावली पर्वत मालाओं की श्रंखला में राजस्थान की चौथी सबसे ऊंची चोटी है। इस पर्वत की उंचाई 1431 मीटर है। वहीं जरगा जी के दो स्थान है जिसको नया स्थान और जूना स्थान के नाम से जाना जाता है। बता दें कि जरगा जी जुना स्थान के नाम से जाना जाने वाला स्थान गुंदाली में आता है तो नया स्थान पलासमा ( सायरा) में आता है।
कब कहां होंगे मेले
शिवरात्रि पर्व को लेकर जरगा जी जूना स्थान गुंदाली में जरगा जी विकास ट्रस्ट की ओर से आयोजित होने वाले मेले का आयोजन फाल्गुन विद 13 बुधवार 26 फरवरी को रात्रि में आयोजित होगा। वहीं जरगा जी विकास ट्रस्ट नया स्थान पलासमा की ओर से आयोजित होने वाले मेले का आयोजन फाल्गुन विद चतुर्दशी गुरुवार 27 फरवरी को रात्रि में आयोजित होगा । बता दें कि शिवरात्रि पर्व पर दोनों स्थानों पर मेले का आयोजन होता है। इस दौरान मेले में दूर दराज से सैकड़ों श्रद्धालु मेले में भाग लेते हैं।

Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।