Desk update – बेंगलुरु में देश के पहले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) मामले का पता चलने के बाद भारत के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही. शेयर बाजार में कारोबारी हफ्ते के पहले दिन जोरदार बिकवाली देखने को मिल रही है।
बाजार के प्रमुख इंडेक्स 1-1 फीसदी से ज्यादा टूट गए हैं. कारोबारी सेशन में सेंसेक्स में 1,100 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी में 1.4% की गिरावट देखने को मिली. गिरावट में पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट, ऑयल एंड गैस जैसे अहम सेक्टर्स सबसे आगे हैं।
सेंसेक्स 78000 पर आया
बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाले इंडिया VIX इंडेक्स में 13% की उछाल आई, जो मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में ब्रॉडर बिकवाली को दर्शाता है. एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे हैवीवेट्स भी लाला निशान में ट्रेड कर रहे. इसकी वजह से सेंसेक्स 78,065 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया और निफ्टी 23,600 अंक के करीब पहुंच गए।
बाजार में चौतरफा बिकवाली
मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट, ऑयल एंड गैस सेक्टर में सबसे ज़्यादा गिरावट है. इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में 7% की गिरावट आई, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, एचपीसीएल, बीपीसीएल, टाटा स्टील, अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस और पीएनबी में 4% से 5% तक की गिरावट देखी गई। एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे दिग्गज शेयरों ने भी सेंसेक्स की गिरावट में योगदान दिया।
एचएमपीवी के बारे में अप्रत्याशित खबर ने निवेशकों को चौंका दिया क्योंकि उनका ध्यान मुख्य रूप से आय अपडेट और तीसरी तिमाही के नतीजों के मौसम की उम्मीदों पर था। भू-राजनीतिक मुद्दों और ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से जुड़े घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की कड़ी नज़र थी।
एचएमपीवी पर सरकार की प्रतिक्रिया
बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में एचएमपीवी का पता चला है, जबकि उसका कोई यात्रा इतिहास नहीं है। बच्चे का बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों को आश्वस्त किया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और भारत विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैश्विक एचएमपीवी स्थिति की निगरानी कर रहा है।
मंत्रालय ने एचएमपीवी मामलों के लिए प्रयोगशाला परीक्षण बढ़ाने की योजना बनाई है और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को एचएमपीवी प्रवृत्तियों की साल भर निगरानी करने का काम सौंपा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से नियमित अपडेट मांगे जा रहे हैं।
बाज़ार प्रभाव
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी ने इस जनवरी में शेयर बाजार को काफी प्रभावित किया है। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने अब तक निकासी लगभग आधा बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।
आयोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “बाजार पर एफआईआई प्रवाह को प्रभावित करने वाले नकारात्मक कारकों और कुछ सकारात्मक घरेलू कारकों का प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो बाजार को सहारा दे सकते हैं।” उन्होंने कहा कि उच्च अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और मजबूत डॉलर सूचकांक के कारण बाहरी व्यापक आर्थिक स्थितियां प्रतिकूल बनी हुई हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि चीन की मौजूदा स्थिति इन्फ्लूएंजा वायरस, आरएसवी और एचएमपीवी रोगजनकों से जुड़े सामान्य फ्लू सीजन पैटर्न से मेल खाती है। चिकित्सकों ने हाल ही में अपेक्षित मौसमी बदलावों से परे श्वसन संबंधी बीमारियों में कोई असामान्य वृद्धि की पुष्टि नहीं की है।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।