भाई दूज पर्व गोवर्धन पूजा के बाद मनाया जाता है। ये भाई-बहन का पर्व है। इस पर्व पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और उसकी खुशहाली के लिए कामना करती हैं। वहीं भाई अपने बहन को उपहार देते है।
हर वर्ष कार्तिक महीने की बीज सुदी (शुक्ल पक्ष) को भाई दूज (ठींप क्ववर क्ंजम) का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर अपनी बहन सुभद्रा से मुलाकात की थी। इस दौरान सुभद्रा ने श्रीकृष्ण का तिलक किया और स्वागत करते हुए मूंह मीठा करवाया। सुभद्रा ने अपने भाई की लंबी उम्र की कामना की।
एक अन्य कथा भी प्रचलित है। जिसके अनुसार कार्तिक महीने की बीज (द्वितीया तिथि) को भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिले थे, बहन यमुना ने यम का स्वागत किया और उन्हें भोजन कराया। इससे यम बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने वचन दिया कि कार्तिक महीने के शुल्क पक्ष की द्वितीया पर जो भाई अपनी बहन से मिलने के लिए उसके घर जाएगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी। तभी से भाई दूज मनाने की शुरुआत हुई।