सायरा (Sayra)/ उमरणा महावीर गौशाला में मंगलवार को श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ से दो संतो के सानिध्य में तप आराधना का दौर शुरू हुआ। चातुर्मास काल मे किसी भी समय दो उपवास तेला चार और पांच उपवास कर आत्मा को निर्मल बनाने का प्रयास कर रहे है। इस दौरान गोगुंदा निवासी शांता पत्नी दिलीप जैन ने आठ दिन तक गरम पानी पर रहकर तपस्या की है। संघ द्वारा शांता पत्नी दिलीप जैन का अभिनन्दन किया।
जिनेन्द्र मुनि ने कहा कि कुछ लोग स्वयं सामाजिक जीवन का हित छोड़कर समाज व पूरी मानवता के लिए कार्य करते है।तब वे आदर्श बन पाते है। नान्देशमा निवासी चंदन सेठ ने समाज में कर्तव्यनिष्ठ रहकर योगदान दिया हैं ऐ साधुवाद के पात्र हैं। महिला मंडल ने चंदन की कार्य-कुशलता एवं कर्तव्य परायणता की शुभ रूप को अलंकृत कर समाज के समक्ष सम्मानित किया गया। इस पर प्रवीण मुनि ने तपस्वी शांता जैन को साधुवाद दिया। मुनि ने कहा कि तप आराधना को लेकर चलने वाले का मनोबल सुदृढ़ होता है। मुनि ने कहा कि तप आराधना विल पावर हैं। घोर तपस्वी प्रवीण मुनि ने तपस्या करने वालो को बहुत-बहुत साधुवाद दिया और कहा की हर एक को सामाजिक होना जरूरी है। जीवन का मूल्य समझने की आवश्यकता है।
रितेश मुनि ने कहा कि मूल्यहीन एवं लक्ष्य हीन जीवन जीने का कोई मूल्य नही हैं । समाज के कार्यों को तन मन से आगे बढ़ाने और अपनी जवाबदारी का निर्वहन करने वाला समाज और देश का चहेता बनता हैं । जिसके लिए ईमानदारी का गुण सर्वोत्तमों कहलाता हैं । अपनी आत्मा का कल्याण करने के लिए तपस्या करनी पड़ती हैं। चंदन सेठ को सम्मानित करते हुए प्रभात मुनि ने कहा कि ये सदैव दुसरो का हित सोचते है। ऐसे ही कार्य करने वालो का सम्मान होना चाहिए। विन्रम स्वभाव एवं मृदुभाषी व्यक्ति हर समय कार्य को अंजाम देने के लिए तत्पर रहता है।ये लोग समाज को कुछ अच्छा देकर ही जाते हैं । संत ने कहा कि जो समाज की भलाई का कार्य करते हैं और समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं वे सम्मान के हकदार हैं।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।