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गज़लों की रूहानी शाम से हुआ सुर और ताल समारोह का समापन

उदयपुर (Udaipur)/ जवाहर कला केंद्र में पिछले तीन दिनों से डेल्फीक कॉउंसलर ऑफ़ राजस्थान की तरफ से आयोजित किए जा रहे सुर और ताल महोत्सव का रविवार शाम ग़ज़ल गायक प्रेम भंडारी, पमिल मोदी और देवेंद्र हिरन की सुरमई गज़लों के गायन के साथ समापन हुआ। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से आयोजित किए गए इस महोत्सव में प्रसिद्ध फोटोग्राफर शिरीष कराले ने 3 दिवसीय फोटोग्राफी वर्कशॉप में विद्यार्थियों को फोटोग्राफी विधा की विभिन्न बारीकीयों से अवगत करवाया वही रंगायन सभागर में पूरे भारत के कलाकारो ने नृत्य, शास्त्रीय संगीत गायन और वादन से दर्शकों को मंत्रालय मुग्ध किया।

रविवार को समापन संध्या में प्रेम भंडारी, पामिल मोदी और देवेंद्र हिरन ने एक साथ मंच साझा करके विभिन्न गज़लों को पेश किया जिनमें सात सुरों को बहता दरिया, अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ, ग़म का खज़ाना तेरा भी है, ए काश ऐसा हो जाए गज़लों नें दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम के बाद डेल्फीक कॉउंसलर ऑफ़ राजस्थान की अध्यक्ष श्रीमती श्रेया गुहा और जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने सभी कलाकारों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान और फ़िल्म निर्देशक राहुल सूद उपस्थित रहे।

Pavan Meghwal
Author: Pavan Meghwal

पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।

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