सायरा (Udaipur) / उदयपुर जिले के सायरा क्षेत्र का उमरोद गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ इतना सुंदर गांव है कि मानसून सीजन में यहां से वापस लौटने का मन नहीं करता। गांव में प्रवेश करने से पहले जड़ेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर स्थित है।
यह एक पवित्र धार्मिक स्थल है। मंदिर के चारों ओर पहाड़ और जंगल है, बड़े-बड़े पेड़ और कल-कल बहते झरने हमेशा इस पवित्र स्थान को ठंडक देते है। वर्तमान में मंदिर में जाप कर रहे उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले (फतहपुर किदवाई) के कल्याणदास महाराज बताते हैं कि मंदिर का निर्माण तकरीबन 50 वर्ष पहले श्री श्री 1008 शिवानंद सरस्वती महाराज के नेतृत्व में किया गया था। महाराज हमेशा भक्ति में लीन रहते थे। उनके हाथों से लगाए पेड़ आज भी प्राकृतिक सौंदर्य बिखर रहे हैं। इन पेड़ों की आकृति एक जैसी है क्योंकि शिवानंद महाराज ने अपनी तपस्या और शिष्यों की मदद से इन्हें बड़ा किया। महाराज बताते हैं कि साधु संतों द्वारा अगर कोई पेड़ लगाया जाता है तो उनके भाव व आस्था के कारण उन पेड़ों एक विचित्र आकार बनता है। मंदिर परिसर में असंख्य पेड़ मौजूद है।
इस मंदिर में एक बावड़ी भी है जो हर समय जल से भरी रहती है, इसका जल हमेशा शीतल रहता है। इस बावड़ी की खास बात यह है कि यह कभी नहीं सूखी। इस महादेव मंदिर परिसर में खेडादेवी माता का मंदिर, हनुमान मंदिर और गणेश मंदिर भी है। शिवरात्री सहित विभिन्न धार्मिक अवसरों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।