उदयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य के जनजाति क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के तीव्र विकास के प्रयास किए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने के लिए भी सभी स्तरों पर गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में मजबूत स्वास्थ्य तंत्र विकसित हो तथा सहज एवं सस्ता उपचार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। उन्होंने आदिवासी इलाकों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल तथा शैक्षणिक और अशैक्षणिक रिक्त पदों को भरे जाने के लिए भी सर्वोच्च प्राथमिकता रखते कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने योजनाओं और विकास कार्यक्रमों के साथ आदर्श गांवों की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग किए जाने पर भी जोर दिया।
मिश्र गुरुवार को राजभवन में जनजाति कल्याण के लिए संचालित योजनाओं एवं विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जनजाति विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों ने भाग लिया। संबंधित अनुसूचित क्षेत्रों के जिला कलेक्टरों ने बैठक में ऑनलाइन भाग लिया। राज्यपाल ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों और आश्रमों,खेल छात्रावासों में रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग के कैडर स्ट्रेंथ सम्मिलित कर कार्यवाही करने पर भी जोर दिया। उन्होंने छात्रावासों में योग और ध्यान करवाने की भी आवश्यकता जताई।
मिश्र ने वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति की स्वीकृति और भुगतान समय पर और शत प्रतिशत किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्रवृति आवेदन प्रक्रिया सहज और सरल बनाई जाए ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इससे लाभान्वित हो सके। उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र में चलाई जा रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोडकर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य करने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना तथा राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं तकनीकी मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश देते हुए निर्धारित लक्ष्यों की समयबद्ध शत प्रतिशत पालना की भी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बनी योजनाओं का सभी स्तरों पर लाभ मिले, इसे संबंधित विभागों के साथ जिला कलेक्टर स्तर पर भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और संबंधित क्षेत्रों के जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करे कि आदिवासी क्षेत्रों में विद्युत और पेयजल की समुचित व्यवस्था हो। इस संबंध में अधिकारी निरंतर मॉनिटरिंग भी करें।
कैम्प लगाकर अधिकाधिक श्रम कार्ड बनाए जाएं
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने मनरेगा के तहत जिलों में कैंप लगाकर अधिकाधिक श्रम कार्ड बनाने, श्रमिकों को पेंशन और अन्य सुविधाओं का समुचित लाभ दिलाने के लिए भी सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने आदिवासी क्षेत्र कल्याण के लिए सभी को प्रतिबद्ध होकर कार्य करने पर बल दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में स्वैच्छिक स्वप्रेरणा व कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत अमृत कलश योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करने की पहल की जा रही है। एम्स, जोधपुर के सहयोग से आदिवासी क्षेत्रों में सेटेलाइट सेंटर फॉर ट्राइबल हेल्थ एंड रिसर्च की स्थापना की गई है। बैठक में जनजाति क्षेत्रों में स्वास्थ्य सूचकांकों की कमजोर स्थिति में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों से आए बदलाव के बारे में भी अधिकारियों ने जानकारी दी। राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने आरंभ में जनजाति क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों के बारे में चर्चा करते हुए विषय प्रवर्तन किया। बैठक में राज्यपाल मे प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, स्कूल शिक्षा विभाग के कृष्ण कुणाल, जनजाति विकास विभाग के सचिव जोगाराम, आयुक्त प्रज्ञा केवल रमानी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डा. जितेन्द्र सोनी, ईजीएस आयुक्त टीना डाबी आदि मौजूद रहे।
जिला कलक्टर ने बताई योजनाओं की प्रगति
बैठक में उदयपुर से जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, सीईओ जिला परिषद कीर्ति राठौड़, एसीईओ अंजुम ताहिर सम्मा सहित विभागीय अधिकारी वीसी के माध्यम से शामिल हुए। जिला कलक्टर पोसवाल ने जनजाति कल्याण योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। साथ ही महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में 100 दिन पूर्ण करने वाले लोगों के श्रम विभाग के माध्यम से श्रमिक कार्ड बनवाने को लेकर विशेष प्रयासों की जानकारी दी। बैठक में अजमेर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता भवानी शंकर शर्मा, पीएचईडी अधिशासी अभियंता ललित नागौरी, सीएमएचओ डॉ शंकर बामणिया, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शैलेंद्र शर्मा, आईसीडीएस से संजय जोशी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।