उदयपुर। जिले की प्रभारी सचिव तथा शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम विभाग आनंदी ने कहा कि भीषण गर्मी के दौर के बीच आमजन सहित जीव मात्र को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव सहित पूरी सरकार मुस्तैद है। अधिकारी लगातार फील्ड में रहते हुए यह सुनिश्चित करें कि गर्मी से कोई आहत और हताहत नहीं हों।
प्रभारी सचिव मंगलवार शाम को डीओआईटी सभागार में जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि तेज गर्मी के चलते बिजली-पानी की कमी रह सकती है, लेकिन यदि अधिकारी कुशल प्रबंधन करते हुए लगातार मॉनिटरिंग करें तो किसी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए। उपलब्ध संसाधनों का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करते हुए आमजन एवं जीव मात्र को राहत प्रदान करें। जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की उपस्थिति में हुई बैठक में प्रभारी सचिव ने विभाग वार कार्यों की समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। प्रारंभ में जिला कलक्टर पोसवाल ने उदयपुर जिले में पेयजल और बिजली की उपलब्धता और वितरण, अधिकारियों की ओर से किए गए निरीक्षण, फील्ड से मिले फीडबैक और उसके अनुरूप किए गए प्रयासों आदि की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल उदयपुर जिले में पेयजल को लेकर बहुत अधिक समस्या नहीं है, कहीं-कहीं छोटी-मोटी शिकायत आती है तो उसका त्वरित निस्तारण किया जा रहा है।
रेस्पॉन्स टाइम को कम करें
प्रभारी सचिव ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर की जा रही जलापूर्ति व्यवस्था की विस्तृत जानकारी ली। इसमें उन्होंने टैंकरों से हो रही जलापूर्ति की मात्रा, गुणवत्ता आदि की मॉनिटरिंग नियमित रूप से कराने, नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त होने वाले शिकायतों की प्रकृति और उनके गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल पाइप लाइन टूटने या अन्य कोई तकनीकी समस्या आने पर रेस्पोरेंस टाइम को लेकर भी सवाल-जवाब किए। विभाग के अधिशासी अभियंता ललित नागौरी ने उदयपुर शहरी क्षेत्र में 2 से 4 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 24 से 48 घंटों में निस्तारण की बात कही। इस पर प्रभारी सचिव ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी रेस्पोरेंस टाइम को कम करने की हिदायत दी। साथ ही सभी एसडीएम और तहसीलदार आदि को भी निरीक्षण के दौरान रेस्पोरेंस टाइम का फीडबैक आमजन से लेने के निर्देश दिए। प्रभारी सचिव ने कहा कि कोटड़ा सहित अन्य जनजाति क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के बारे में जानकारी लेते हुए आवश्यकतानुसार हैंडपंप आदि की त्वरित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। साथ ही जिला कलक्टर को इसकी मोनिटरिंग कर रिपोर्ट देने को कहा।
फीडर रखरखाव का मॉनिटरिंग सिस्टम बनाएं
बैठक में अजमेर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता भवानी शंकर शर्मा ने बताया कि जिले में 380 मेगावाट बिजली की मांग है, उसके मुकाबले 335 मेगावाट प्राप्त हो रही है। 45 मेगावाट के शॉर्ट फॉल को इंडस्ट्री में लोड शेडिंग से मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है। तेज गर्मी के चलते ट्रांसफार्मर जलने सहित अन्य तकनीकी समस्याएं आ रही हैं, जिनका यथाशीघ्र निस्तारण किया जा रहा है। प्रभारी सचिव ने ट्रांसफार्मर्स की उपलब्धता तथा उनको बदलने की टाइम लाइन के बारे में भी जानकारी लेते हुए रेस्पोरेंस टाइम को कम करने के निर्देश दिए। उन्होंने फीडर रखरखाव के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही फीडर रखरखाव की साप्ताहिक मोनिटरिंग सिस्टम बनाने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए। प्रभारी सचिव ने अपने कलक्टर कार्यकाल के दौरान कोटड़ा में स्वीकृत हुए 132 केवी जीएसएस के लंबित कार्य की जानकारी ली। उन्होंने तकनीकी बाधाओं को उच्च स्तर से जल्द से जल्द दूर कराकर कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली जनित हादसों के प्रकरणों की भी समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणों को भी जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों से पूछे हीटवेव के लक्षण
चिकित्सा विभाग की समीक्षा के दौरान प्रभारी सचिव ने जिला अधिकारियों और वीसी से जुड़े ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से हीटवेव के लक्षण पूछे, साथ ही हीटवेव की दवाओं के बारे में भी जानकारी ली। सीएमएचओ डॉ शंकर बामणिया ने हीटवेव के लक्ष्य बताते हुए कहा कि इसमें व्यक्ति को डिहाइड्रेशन होता है। ब्लड प्रेशर कम होने से जी घबराने, चक्कर आने, बुखार की शिकायत रहती है। इस पर प्रभारी सचिव ने सभी अधिकारियों को इन लक्षणों के प्रति अवेयर रहते हुए आमजन तक संदेश पहुंचाने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने जिला अस्पताल से लेकर सब सेन्टर स्तर तक सभी चिकित्सा संस्थानों में पेयजल, कूलिंग और जरूरी दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में मलेरिया, डेंगू आदि की स्थिति की समीक्षा करते हुए जांच सुविधा व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।
सभी कार्यालयों में लगाएं परिण्डें
पशुपालन विभाग के कामों की समीक्षा करते हुए प्रभारी सचिव ने जिले में पशु-पक्षियों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की जानकारी ली। संयुक्त निदेशक डॉ शरद अरोड़ा ने अवगत कराया कि गौशालाओं में पानी की व्यवस्था की जा रही है। पक्षियों के लिए परिण्डे भी लगाए गए हैं। नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने अवगत कराया कि निगम की ओर से शहर में जगह-जगह पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही 1000 परिण्डे भी वितरित कर लगवाए जा गए हैं। प्रभारी सचिव ने सभी अधिकारियों को भी अपने-अपने कार्यालयों में परिण्डे आदि लगाकर पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा ने गत दिनों मावली सहित अन्य क्षेत्रों में गर्मी से चमगादड़ों की मृत्यु की जानकारी देते हुए फोगिंग आदि कराए जाने तथा सैम्पल भी जांच के लिए भेजना बताया।
अवैध खनन पर लगे अंकुश
प्रभारी सचिव ने जिले में खनन गतिविधियों की जानकारी ली। साथ ही अवैध खनन पर पैनी नजर रखते हुए सख्त से सख्त कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में एफआईआर दर्ज हुई है, उनकी मोनिटरिंग करते हुए चालान प्रस्तुत कर सजा दिलाने के प्रयास किए जाएं।
जल संरक्षण और पौधारोपण पर रहे फोकस
प्रभारी सचिव ने आगामी वर्षा ऋतु में जल संरक्षण और पौधारोपण अभियान को लेकर भी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचय को लेकर अभी से प्लानिंग कर तैयारियां की जाएं। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर्स की जांच कराकर आवश्यक रखरखाव सुनिश्चित कराएं। जिन राजकीय भवनों पर स्ट्रक्चर नहीं बने हुए हैं, वहां प्राथमिकता से तैयार कराए जाएं। प्रभारी सचिव ने उदयपुर विकास प्राधिकरण को शहर के आसपास पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे डेम की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश व्यापी पौधरोपण अभियान की तैयारियों की भी समीक्षा की। नोडल अधिकारी सीईओ जिला परिषद कीर्ति राठौड़ ने विभाग वार लक्ष्य और तैयारियों का ब्योरा प्रस्तुत किया। प्रभारी सचिव ने अभियान में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इन विभागों के कामों की भी समीक्षा
बैठक में प्रभारी सचिव ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के विभिन्न प्रोजेक्ट की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही राजस्थान संपर्क पर प्राप्त शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण की भी जानकारी ली। उन्होंने जलग्रहण, जल संसाधन, रसद, आईसीडीएस, वन एवं पर्यावरण, राजस्व, उद्योग, पुलिस विभाग आदि के कार्यों की भी समीक्षा की।
यह भी रहे मौजूद
बैठक में एडीएम प्रशासन दीपेंद्र सिंह राठौड़, एडीएम सिटी राजीव द्विवेदी, सीईओ जिला परिषद कीर्ति राठौड़, युडीए आयुक्त राहुल जैन, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, गिर्वा एसडीएम रिया डाबी सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। वहीं जिले के सभी एसडीएम, विकास अधिकारी, तहसीलदार सहित ब्लॉक स्तरीय अधिकारीगण वीसी के माध्यम से बैठक से जुड़े।
Author: Pavan Meghwal
पवन मेघवाल उदयपुर जिले के है। इन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद स्टार्टअप शुरू किए। ये लिखने-पढ़ने के शौकीन है और युवा पत्रकार है। मेवाड़ क्षेत्र में पत्रकारिता कर रहे है।